मध्य पाषाण युग (Mesolithic Age) का संपूर्ण विवरण

मध्य पाषाण युग (Mesolithic Age), जिसे मध्य पाषाण काल भी कहा जाता है, पाषाण युग और नवपाषाण युग के बीच की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। यह युग लगभग 12,000 ईसा पूर्व से 8,000 ईसा पूर्व के बीच का माना जाता है। इस काल में मानव जीवन शैली और समाज में कई महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए।


महत्वपूर्ण स्थल (Important Places)

मध्य पाषाण युग से जुड़े महत्वपूर्ण स्थल भारत में निम्नलिखित हैं:

  1. भगौर (राजस्थान) – यहाँ से कई माइक्रोलिथिक उपकरण मिले हैं।
  2. आदमगढ़ (मध्य प्रदेश) – गुफाओं में शिकार और पशुपालन के चित्र पाए गए हैं।
  3. बागोर (राजस्थान) – यहाँ मानव और पशुपालन के प्रमाण मिले हैं।
  4. लंग्नाझ (गुजरात) – कंकाल और आभूषणों के अवशेष।
  5. भीमबेटका (मध्य प्रदेश) – गुफाओं के चित्र और माइक्रोलिथिक उपकरण।
  6. सराय नाहर राय (उत्तर प्रदेश) – शिकार और मछली पकड़ने के प्रमाण।
  7. तेककलकोटा (कर्नाटक) – खेती और पशुपालन के अवशेष।

आविष्कार (Inventions)

मध्य पाषाण युग में मानव जीवन में कई नए आविष्कार और खोजें हुईं:

  1. माइक्रोलिथिक उपकरण (Microliths) – छोटे पत्थर के उपकरण, जो शिकार और मछली पकड़ने में उपयोगी थे।
  2. धनुष और बाण (Bow and Arrow) – बेहतर शिकार के लिए।
  3. अस्थायी आवास (Temporary Shelters) – गुफाओं और झोपड़ियों का उपयोग।
  4. कृषि का आरंभ (Beginning of Agriculture) – जौ और गेहूं जैसी फसलों की खेती।
  5. पशुपालन (Domestication of Animals) – कुत्ते, बकरी, और भेड़ जैसे जानवर पालतू बनाए गए।

संस्कृति (Culture)

  1. शिल्पकला (Rock Art) – गुफाओं में बने चित्र, जो शिकार, नृत्य, और अन्य गतिविधियों को दर्शाते हैं।
  2. समूह जीवन (Community Life) – छोटे-छोटे समूहों में जीवन व्यतीत करना।
  3. मृतकों का दाह संस्कार (Burial Practices) – मृत्यु के बाद शवों को दफनाने की परंपरा।
  4. श्रृंगार सामग्री (Ornaments) – हड्डियों और पत्थरों से बने आभूषण।

जीवनशैली (Lifestyle)

  1. आहार (Diet):
    • शिकार किए गए जानवरों का मांस।
    • मछलियां।
    • कंद-मूल और जंगली फल।
  2. रहन-सहन (Habitation):
    • गुफाएं, अस्थायी झोपड़ियां, और नदी किनारे बसे स्थान।
  3. पहनावा (Clothing):
    • जानवरों की खाल और पेड़ों की छाल से बने कपड़े।

नदियाँ और जलस्रोत (Rivers and Water Sources)

मध्य पाषाण युग के लोग पानी की उपलब्धता के लिए नदियों और झीलों के पास बसते थे। प्रमुख नदियाँ और जल स्रोत:

  1. नर्मदा नदी (Narmada River)
  2. सोन नदी (Son River)
  3. गंगा नदी (Ganga River)
  4. यमुना नदी (Yamuna River)
  5. गोदावरी नदी (Godavari River)

सारांश

मध्य पाषाण युग एक ऐसा काल था जब मनुष्य ने न केवल शिकार और भोजन संग्रहण पर निर्भरता कम की, बल्कि कृषि, पशुपालन, और स्थायी जीवन शैली की ओर कदम बढ़ाए। इस युग ने नवपाषाण युग की नींव रखी और मानव सभ्यता के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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