लेखक: मोनू हुसैन | प्रकाशन तिथि: 16 जुलाई 2025 | पढ़ने का समय: 10 मिनट
📌 प्रारंभिक जीवन और परिवारिक पृष्ठभूमि
धीरज कुमार का जन्म भारत के एक छोटे से गांव में एक सामान्य परिवार में हुआ। उनके पिता एक किसान थे और मां गृहिणी। बचपन से ही उन्होंने गरीबी, अभाव और संघर्ष का सामना किया। स्कूल जाने के लिए उन्हें प्रतिदिन 5 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता था, लेकिन पढ़ाई के प्रति उनकी लगन कभी कम नहीं हुई।
📚 शिक्षा का सफर: कठिनाइयों के बावजूद निरंतर प्रयास
प्राथमिक शिक्षा गाँव के सरकारी स्कूल में पूरी करने के बाद, उन्होंने हाई स्कूल की पढ़ाई जिला मुख्यालय जाकर की। वहां उन्हें हॉस्टल में रहना पड़ा, लेकिन आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। उन्होंने ट्यूशन पढ़ाकर अपनी फीस भरी और साथ ही शैक्षणिक प्रतियोगिताओं में भाग लेकर छात्रवृत्तियाँ भी प्राप्त कीं।
स्नातक के लिए उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया जहाँ की प्रतियोगिता और जीवन शैली उनके लिए नई चुनौती थी। परंतु उन्होंने हार नहीं मानी। कक्षा में टॉप करने के साथ-साथ वे एनएसएस, डिबेट और सामाजिक संगठनों से भी जुड़े रहे।
💼 करियर की शुरुआत: कॉर्पोरेट से समाज सेवा की ओर
ग्रेजुएशन के बाद उन्हें एक मल्टीनेशनल कंपनी में जॉब मिल गई, लेकिन उनका मन वहां नहीं रमा। उन्होंने महसूस किया कि समाज के लिए कुछ करना ज्यादा आवश्यक है। उन्होंने नौकरी छोड़ी और ग्रामीण शिक्षा, डिजिटल लर्निंग और करियर काउंसलिंग के लिए एक संस्था की स्थापना की।
उनकी संस्था ने गांव-गांव जाकर बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित किया। इसके साथ ही उन्होंने मुफ्त ऑनलाइन क्लासेज़ शुरू कीं, जो अब लाखों छात्रों को लाभ पहुँचा रही हैं।
🏆 सम्मान और उपलब्धियाँ
धीरज कुमार को उनके योगदान के लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार और कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया गया है। उन्हें “युवा प्रेरणा पुरस्कार”, “शिक्षा दीप सम्मान” और “डिजिटल भारत एम्बेसडर” जैसे कई खिताब मिले हैं। उनकी कहानी कई राष्ट्रीय पत्रिकाओं और न्यूज़ चैनलों में प्रकाशित हुई।
🎙️ मीडिया और ऑनलाइन उपस्थिति
धीरज कुमार का यूट्यूब चैनल आज 1 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर के साथ युवाओं के लिए एक मार्गदर्शक मंच बन चुका है। वे अपने वीडियो के माध्यम से करियर सलाह, प्रेरक भाषण और सफलता की रणनीतियाँ साझा करते हैं।
👨👩👦 निजी जीवन और मूल्य
धीरज एक पारिवारिक व्यक्ति हैं। उनका मानना है कि यदि परिवार से मूल्यों की शिक्षा मिले, तो कोई भी व्यक्ति अपने जीवन को सकारात्मक दिशा में मोड़ सकता है। उन्होंने अपने जीवन के अनुभवों से यह सिद्ध कर दिया कि विचारों की स्पष्टता और मेहनत ही सफलता की कुंजी है।
🌱 भविष्य की योजनाएँ
धीरज कुमार अब एक राष्ट्रीय स्तर का शिक्षा अभियान शुरू करने जा रहे हैं, जिसका उद्देश्य है – ग्रामीण भारत में डिजिटल शिक्षा पहुँचाना। साथ ही वे महिलाओं के लिए “सक्षम महिला” नामक एक ऑनलाइन स्किल डेवेलपमेंट प्रोग्राम भी शुरू कर रहे हैं।
📌 निष्कर्ष: हर युवा के लिए एक सीख
धीरज कुमार की कहानी हमें यह सिखाती है कि परिस्थितियाँ चाहे कितनी भी कठिन हों, अगर इच्छाशक्ति मजबूत हो, तो सफलता निश्चित है। वे इस युग के उन गिने-चुने लोगों में हैं जो न केवल खुद आगे बढ़े, बल्कि हजारों लोगों को आगे बढ़ने की राह दिखाई।