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शिबू सोरेन: झारखंड के जननायक की जीवनगाथा | Shibu Soren News in Hindi

शिबू सोरेन: झारखंड के आदिवासी आंदोलन के पुरोधा

अपडेट: 4 अगस्त 2025 | लेखक: MonuSirSchool

🌿 परिचय: कौन हैं शिबू सोरेन?

Shibu Soren - Jharkhand Leader

शिबू सोरेन, जिन्हें प्यार से “गुरुजी” कहा जाता है, झारखंड राज्य की राजनीति के सबसे मजबूत और प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं। वे झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक सदस्य हैं और तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं। उन्होंने झारखंड को एक अलग राज्य का दर्जा दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी।

📜 प्रारंभिक जीवन

शिबू सोरेन का जन्म 11 जनवरी 1944 को झारखंड के धनबाद जिले में हुआ था। उनके पिता सोबन सोरेन की हत्या जमींदारों ने कर दी थी, जिसने उनके जीवन की दिशा ही बदल दी। उन्होंने आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष करना प्रारंभ किया और यहीं से शुरू हुई उनकी राजनीतिक यात्रा।

🏛️ राजनीतिक करियर

  • 1972: झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना
  • 1980: पहली बार लोकसभा पहुंचे
  • 2004-2005: पहली बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने
  • तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे
  • केंद्र सरकार में कोयला मंत्री भी रहे

📰 Shibu Soren Death की अफवाहें

हाल ही में सोशल मीडिया पर Shibu Soren Death से संबंधित कई अफवाहें फैली थीं। हालांकि, शिबू सोरेन पूरी तरह से स्वस्थ हैं और इस संबंध में झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से आधिकारिक बयान भी जारी किया गया है। इसलिए पाठकों से निवेदन है कि बिना पुष्टि के ऐसी खबरों पर विश्वास न करें।

🗞️ Shibu Soren News: अभी क्या कर रहे हैं गुरुजी?

शिबू सोरेन वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संरक्षक के रूप में कार्यरत हैं। उनके पुत्र हेमंत सोरेन राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री हैं और पार्टी की कमान संभाले हुए हैं। शिबू सोरेन अब भी पार्टी की रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

📌 झारखंड में उनका प्रभाव

शिबू सोरेन ने झारखंड को उसकी अलग पहचान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। आदिवासियों, किसानों और वंचित तबकों की आवाज को संसद तक पहुंचाया। उनका संघर्ष आज भी युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।

📷 चित्र: शिबू सोरेन

Shibu Soren - Jharkhand Leader

Image Credit: JMM Official

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🧾 निष्कर्ष

शिबू सोरेन सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि एक आंदोलन हैं। झारखंड राज्य की आत्मा को पहचान दिलाने वाले इस नेता को सदैव याद किया जाएगा। उनकी जीवनी और संघर्ष आज भी आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता है।

© 2025 MonuSirSchool | यह लेख शिबू सोरेन जी के संघर्ष को समर्पित है।