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1. Tesla की भारत में प्रारंभिक एंट्री: लाभ और चुनौतियाँ
Tesla का पहला एक्सपीरियंस सेंटर मुंबई, BKC में को खुलने जा रहा है। कंपनी ने मॉडल Y के 5–6 यूनिट्स शिप किए हैं, जिनकी शुरुआती कीमत ₹27.7 लाख है, लेकिन 70 % आयात शुल्क मिलाकर इसकी ऑफ़ रोड कीमत ₹56 लाख से ऊपर अनुमानित है 1।
सरकारी SPMEPCI योजना के तहत कम टैक्स (15 %) और प्रोत्साहन उपलब्ध हैं यदि Tesla ₹4,150 करोड़ निवेश कर स्थानीय उत्पादन शुरू करे, लेकिन फिलहाल Tesla ने केवल बिक्री-ओरिएंटेड मॉडल अपनाया है। वे भारतीय बाजार में केवल खरीद विक्रय और सेवा नेटवर्क लेकर एंट्री कर रहे हैं, न कि विनिर्माण करके 2।
मार्केट इम्पेक्ट: CLSA का विश्लेषण कहता है कि Tesla की एंट्री, जबकि ब्रांड इम्पैक्ट ज़रूर ला सकती है, मौजूदा स्थानीय ब्रांड जैसे Tata, Mahindra आदि के लिए बहुत बड़ा खतरा नहीं है; यह प्रीमियम सेगमेंट तक सीमित रहेगा 3।
2. VinFast: तत्काल उत्पादन + रणनीतिक विस्तार
Vietnam की VinFast ने 13 डीलर सौदे किए हैं, 27 शहरों में 32 शोरूम पहले ही स्थापित, और वर्षांत तक इसे 35 तक ले जाने की योजना बना रही है 4।
थूथुकुडी (तमिलनाडु) में उनका CKD असेंबली प्लांट जून 2025 में चालू होने वाला है, जहां सालाना प्रारंभिक 50,000 यूनिट क्षमता से शरू करके 1.5 लाख तक बढ़ाएगा 5। पहली बुकिंग VF6 और VF7 के लिए जुलाई-ऑगस्ट में शुरू होगी।
रणनीति: प्रारंभिक तौर पर उच्च सेगमेंट (VF 7) से एंट्री, फिर लोअर प्राइस जैसे VF 3 से मार्केट छेड़ना। CKD रूट से कम आयात शुल्क लगाकर ₹25–30 लाख कीमत में मॉडल पेश करने की योजना 6।
3. घरेलू EV कंपनियों की स्थिति और तकनीकी ताकत
Tata और Mahindra की पकड़
ब्रांड | मॉडल | बैटरी / रेंज | तकनीकी फीचर्स |
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Tata Harrier EV | 65–75 kWh | 627 km | स्थानीय उत्पादन (पुणे), DC फास्ट चार्जिंग |
Tata Curvv EV | 45/55 kWh | 502–585 km | LFP बैटरी, 70 kW DC फास्ट चार्जिंग 7 |
Mahindra BE 6 | 59/79 kWh | 556–682 km | 231–286 hp, ब्रेक-बाय-वायर, सिंगल-पेडल ड्राइव 8 |
Mahindra ने BE 6 और XEV 9e से पहली छमाही में 19,000+ यूनिट्स बेचे; BE 6 की एकल प्रदर्शन में, 59 kWh वेरियंट में 6.7 सेकंड में 0‑100 किमी/घंटा की स्पीड और 20 मिनट में 20‑80 % चार्ज संभव 9।
जून 2025 में कुल EV कार बिक्री 13,178 यूनिट्स रही, जिसमें Tata (4,708), MG (3,972), Mahindra (3,029) प्रमुख रहे; Mahindra की YoY ग्रोथ +523% रही 10।
4. चार्जिंग और इंफ्रास्ट्रक्चर: उत्साह बनाम हकीकत
देश में चार्जर:वाहन अनुपात 135:1 है – वैश्विक मान 6–20:1 है, इसलिए ‘रेंज-एंक्जायटी’ बड़े पैमाने पर बनी हुई है 11।
कर्नाटक सरकार ने 2,500 स्टेशन PPP मॉडल वाली योजना छोड़ दी क्योंकि निजी निवेशक रुचि दिखाने में विफल रहे; अब 100 स्टेशन खुद बनाए जाएंगे ₹35 करोड़ में 12।
दिल्ली सरकार Outer Ring Corridor पर हर 5 किमी पर चार्जर लगाने की नीति बना रही है, 2027 तक 95 % नई गाड़ियाँ EV हो जाएं, और 20,000+ रोजगार सृजित करना चाहती है 13।
5. नीति‑दृष्टिकोण: गहन‑टेक्नोलॉजी और गवर्नेंस की कमी
ICEA+Accenture रिपोर्ट में कहा गया है कि लिथियम‑आयन बैटरी की माँग 2030 तक 48 % बढ़ेगी, लेकिन भारत को बैटरी आयात और EoL वेस्ट चुनौतियों को सुलझाना बहुत ज़रूरी है 14।
ब्लूSmart, Log9 Materials जैसी स्टार्टअप की विफलताएं बताती हैं कि नीति केवल स्केल‑अप को बढ़ावा देती है, मगर गहन‑तकनीक इनोवेशन को छोड़ रही है; 2030 तक 30% EV pénétration लक्ष्य अधूरा हो सकता है 15।
FAME II फंडिंग का केवल 69 % ही इस्तेमाल हुआ, और PLI स्कीम की कड़ी शर्तें छोटे इनोवेटर्स के लिए बाधक साबित हुईं 16।
सुझाव: गवर्नमेंट को गहन‑टेक फंड, बीट्र-लिंकेड अनुदान, R&D इन्फ्रास्ट्रक्चर और स्टार्टअप-को-इनोवेटर को समर्थन देना चाहिए 17।