Fundamental Rights || Parts 3

भारतीय संविधान भाग III – मौलिक अधिकार | monusir.com

भारतीय संविधान – भाग III : मौलिक अधिकार

लेखक: Monu Sir | स्रोत: monusir.com

परिचय

भाग III नागरिकों को मौलिक अधिकार प्रदान करता है। ये अधिकार स्वतंत्र, समान और न्यायपूर्ण जीवन सुनिश्चित करते हैं। Dr. B.R. Ambedkar के अनुसार, यह संविधान का हृदय और आत्मा है।

समानता का अधिकार (अनुच्छेद 14–18)

अनुच्छेद 14 – कानून के समक्ष समानता

सभी नागरिक कानून के समक्ष समान हैं। कोई भी विशेषाधिकार कानून के बाहर नहीं मिलेगा।

अनुच्छेद 15 – भेदभाव का निषेध

राज्य किसी भी नागरिक के साथ धर्म, जाति, लिंग, जन्मस्थान के आधार पर भेदभाव नहीं कर सकता। महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष प्रावधान लागू हैं।

अनुच्छेद 16 – रोजगार में समान अवसर

सभी नागरिकों को सरकारी नौकरी में समान अवसर प्राप्त होंगे।

अनुच्छेद 17 – अस्पृश्यता का उन्मूलन

अस्पृश्यता अपराध है और इसे सख्ती से निषिद्ध किया गया है।

अनुच्छेद 18 – उपाधियों का निषेध

राजसी या सम्मानजनक उपाधियाँ समाप्त कर दी गई हैं।

स्वतंत्रता का अधिकार (अनुच्छेद 19–22)

अनुच्छेद 19 – छह स्वतंत्रताएँ

  • वाक् और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
  • शांतिपूर्ण सभा की स्वतंत्रता
  • संघ बनाने की स्वतंत्रता
  • आंदोलन और आवागमन की स्वतंत्रता
  • निवास की स्वतंत्रता
  • व्यवसाय या पेशा चुनने की स्वतंत्रता

अनुच्छेद 21 – जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता

Supreme Court ने इसे सुवर्ण अनुच्छेद कहा। जीवन का अधिकार केवल शारीरिक जीवन तक सीमित नहीं है। इसमें स्वास्थ्य, स्वच्छ वातावरण, शिक्षा और निजता भी शामिल हैं।

मामलासालमहत्व
Maneka Gandhi बनाम भारत संघ1978कानून की प्रक्रिया न्यायपूर्ण, उचित और तर्कसंगत होनी चाहिए
K.S. Puttaswamy बनाम भारत संघ2017निजता का अधिकार अनुच्छेद 21 का हिस्सा है

अनुच्छेद 22 – गिरफ्तारी में सुरक्षा

Preventive detention और arrest में नियम। 3 महीने तक की preventive detention संभव है।

शोषण के विरुद्ध अधिकार (अनुच्छेद 23–24)

  • अनुच्छेद 23 – मानव तस्करी और जबरन श्रम निषिद्ध।
  • अनुच्छेद 24 – 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का खतरनाक उद्योगों में काम निषिद्ध।

धर्म की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25–28)

  • अनुच्छेद 25 – धर्म के अनुसार विश्वास और पूजा की स्वतंत्रता
  • अनुच्छेद 26 – धार्मिक मामलों का प्रबंधन करने की स्वतंत्रता
  • अनुच्छेद 27 – किसी धर्म के लिए कर लागू नहीं होगा
  • अनुच्छेद 28 – शैक्षणिक संस्थानों में धार्मिक शिक्षा का विकल्प

सांस्कृतिक और शैक्षिक अधिकार (अनुच्छेद 29–30)

  • अनुच्छेद 29 – अल्पसंख्यक समुदाय का सांस्कृतिक, भाषाई और सांस्कृतिक संरक्षण
  • अनुच्छेद 30 – अल्पसंख्यक समुदाय के शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने और संचालित करने का अधिकार

संवैधानिक उपायों का अधिकार (अनुच्छेद 32)

अनुच्छेद 32 – “संविधान का हृदय और आत्मा” Supreme Court और High Court में मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर सीधे याचिका दायर कर सकते हैं।

  • हैबियस कॉर्पस (Habeas Corpus)
  • मंडमस (Mandamus)
  • प्रतिबंध (Prohibition)
  • सर्टियोरारी (Certiorari)
  • क्वो वॉरेंटो (Quo Warranto)

महत्वपूर्ण संशोधन

  • 44वां संशोधन – संपत्ति के अधिकार को मौलिक अधिकार से हटाकर कानूनी अधिकार बनाया।
  • 86वां संशोधन – शिक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 21A)।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्रश्न 1: मौलिक अधिकार कितने हैं?
उत्तर: 6 अधिकार (अनुच्छेद 12–35)

प्रश्न 2: संपत्ति का अधिकार मौलिक अधिकार क्यों नहीं है?
उत्तर: 44वें संशोधन (1978) के बाद इसे कानूनी अधिकार बनाया गया।

प्रश्न 3: अनुच्छेद 32 क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: यह अदालत में मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर सीधे याचिका दायर करने का अधिकार देता है।

प्रश्नोत्तरी (Quiz)

  1. अनुच्छेद 21 को “सुवर्ण अनुच्छेद” किसने कहा?
  2. मौलिक अधिकारों की संख्या कितनी है?
  3. शिक्षा का अधिकार किस अनुच्छेद में है?
  4. संपत्ति का अधिकार मौलिक अधिकार से कब हटाया गया?