ऑपरेशन महादेव: पहलगाम हमले में हाशिम मूसा ढेर, सेना को बड़ी सफलता
प्रकाशित तिथि: 29 जुलाई 2025 | पढ़ने का समय: 5 मिनट

🔴 क्या है ऑपरेशन महादेव?
भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा चलाए गए संयुक्त अभियान ऑपरेशन महादेव के तहत कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में एक बड़े आतंकी नेटवर्क का पर्दाफाश किया गया। इस ऑपरेशन का उद्देश्य घाटी में सक्रिय आतंकियों को खत्म करना और अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित बनाना था।
📰 पहलगाम हमला: घटनाक्रम
28 जुलाई 2025 को देर रात, पहलगाम के अनंतनाग जिले में एक सुरक्षा चेकपोस्ट पर आतंकवादियों ने अचानक हमला कर दिया। जवाबी कार्रवाई में सेना ने मोर्चा संभाला और मुठभेड़ के दौरान दो आतंकवादी मारे गए।
इनमें से एक की पहचान कुख्यात आतंकी हाशिम मूसा के रूप में हुई है, जो लंबे समय से सुरक्षाबलों की हिट लिस्ट में था। वह पहले अंसार गजवत उल-हिंद संगठन से जुड़ा हुआ था और बाद में पाक-प्रेरित आतंकवादी संगठनों से संबंध बना लिए थे।
💣 ऑपरेशन की रणनीति और सफलता
- सेना ने विशेष खुफिया जानकारी के आधार पर पूरे क्षेत्र की घेराबंदी की।
- ड्रोन और नाइट विजन कैमरों की मदद से आतंकियों की लोकेशन का पता लगाया गया।
- लगभग 4 घंटे चली मुठभेड़ में दोनों आतंकवादी मारे गए।
- सेना को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ।
सेना के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, “यह ऑपरेशन बेहद सटीक और सफल रहा। हाशिम मूसा की मौत से आतंकवादी ढांचे को बड़ा झटका लगा है।“
🔍 हाशिम मूसा: एक प्रोफाइल
हाशिम मूसा, पूर्व आतंकी जाकिर मूसा का करीबी माना जाता था और उसने घाटी में युवाओं को उकसाने की कई कोशिशें की थीं। वह सोशल मीडिया के ज़रिए अपना नेटवर्क फैलाता था और अमरनाथ यात्रा में बाधा डालने की योजना बना रहा था।
🇮🇳 देशभर में राहत और सराहना
ऑपरेशन महादेव की सफलता के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सेना और पुलिस की सराहना की है। सोशल मीडिया पर आम नागरिकों ने भी सेना को बधाई दी और शांति की कामना की।
“हर भारतवासी की सुरक्षा सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है। ऑपरेशन महादेव में सुरक्षाबलों ने अद्वितीय साहस दिखाया है।” – गृह मंत्री अमित शाह
📷 सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया
#OperationMahadev और #PahalgamAttack हैशटैग्स ट्विटर पर ट्रेंड कर रहे हैं। लोग हाशिम मूसा के मारे जाने को बड़ी कामयाबी मान रहे हैं।
📌 निष्कर्ष
ऑपरेशन महादेव सिर्फ एक मुठभेड़ नहीं, बल्कि आतंकवाद के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक निर्णायक कदम है। पहलगाम जैसे संवेदनशील इलाके में इस तरह की सफलता से घाटी में शांति कायम करने की दिशा में बड़ा संदेश गया है।