Lokoktiyaan top 200

200 हिंदी लोकोक्तियाँ — अर्थ और उदाहरण

200 हिंदी लोकोक्तियाँ — अर्थ और उदाहरण

पूरा संग्रह: संक्षिप्त अर्थ और रोज़मर्रा के वाक्य-उदाहरण के साथ — कक्षा, प्रतियोगिता और ब्लॉग के लिए उपयुक्त।

परिचय

हैलो दोस्तों नमस्कार आज मैं आपके लिए top 200 लोकोक्तियाँ लेकर आया हूँ

जैसे की हम यह जानते हैं की यह लोकोक्तिें (Lokoktiyaan) जीवन के अनुभवों का सार हैं — संक्षेप में शिक्षा, नीति और व्यावहारिक सच्चाई व्यक्त करती हैं। नीचे 200 प्रचलित लोकोक्तियाँ दी गई हैं।

जो निम्न लिखित हैं-

200 लोकोक्तियाँ — तालिका

#लोकोक्तिअर्थउदाहरण
1जैसी करनी वैसी भरनीजो जैसा कर्म करेगा, वैसा फल मिलेगायदि तुम दूसरों की सहायता करोगे तो दूसरों से मदद पाओगे।
2नाच न जाने आँगन टेढ़ाअपनी कमी छिपाने के लिए बहाने बनानावो पढ़ने में कमजोर है और किताबें दोषी ठहराता है — नाच न जाने आँगन टेढ़ा।
3दूर के ढोल सुहावनेदूसरी चीज बेहतर लगती हैपरदेस में ज़िन्दगी आसान लगती है पर हकीकत अलग होती है।
4घर की मुर्गी दाल बराबरअपनों की चीज़ का महत्व नहीं समझनाउसने अपने गाँव के त्योहार को महत्व नहीं दिया — घर की मुर्गी दाल बराबर।
5बंदर क्या जाने अदरक का स्वादजो चीज़ उसकी समझ से बाहर, वह उसकी कद्र नहीं करताकला की कद्र ना करने वाला कलाकारों की आलोचना कर रहा था।
6ऊँट के मुँह में जीराबहुत कम, जो आवश्यकता के लिए पर्याप्त न होकिसी बड़े काम के लिए ये छोटा इनाम ऊँट के मुँह में जीरा है।
7निकल्ली तो बाजीगरी दिखती हैजो असल में है वही काम दिखता है (idiom)वह काम में कुशल नहीं पर दिखावा करता है।
8आवश्यकता आविष्कार की जननी हैज़रूरत से नए विचार और चीज़ें पैदा होती हैंसमस्या ने ही नया समाधान खोजने पर मजबूर किया।
9धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होयधैर्य से काम करने पर सब कुछ होता हैपढ़ाई में नियमितता से सफलता मिलती है — धीरे-धीरे रे मना।
10जो गरजते हैं वे बरसते नहींजो अधिक शोर करते हैं, अक्सर कम करते हैंवह लगातार दहाड़ता रहा पर काम नहीं किया।
11साँप भी मर जाए और लाठी भी न टूटेदोनों उद्देश्य साथ पूरे हो जाएँसमझदारी से काम करो ताकि दोनों फायदे मिलें।
12अंधेर नगरी चौपट राजाव्यवस्था का पूरा बिगड़नाकार्यालय में कोई नियम नहीं, अंधेर नगरी चौपट राजा।
13एक तीर से दो शिकारएक काम से दो लाभ प्राप्त करनाएक बार योजना बनाकर दो काम निपटा दिए।
14ऊँची दुकान फीका पकवानदिखावे में अच्छा पर असल में घटियाछोटी सी कंपनी ने बड़ी बड़ा विज्ञापन किया पर सेवा खराब थी।
15सूरज निकले और मिटे अँधेरासच सामने आने से भ्रम मिट जाता हैसत्य सामने आया तो गलतफहमी दूर हुई।
16अधजल गगरी छलकत जाएअधूरा ज्ञान दिखाने पर कमज़ोर परिणामआधा-आधूरा अध्ययन करके परीक्षा में फेल हो गया।
17बोया पेड़ बबूल का, तो आम कहाँ से होएपरिणाम उसके उपयुक्त कार्य पर निर्भर करता हैबेमकसद प्रयासों से अच्छा परिणाम नहीं मिलेगा।
18सांप छछूंदर के दोस्त नहीं होतेप्रकृति के विपरीत मित्रता मुश्किलदोषियों से दोस्ती जोखिम भरी हो सकती है।
19आग लगे पर राख न होअत्यधिक चोट के बिना हालात ठीक रहेंसंगठन में झगड़ा हुआ पर सब ठीक हो गया।
20जैसी माता वैसी बादापरवरिश का प्रभाव बच्चों पर पड़ता हैउसकी आदतें मां की तरह हैं।
21अंधा बाँटे रेवड़ी फिर-फिर अपने को देअन्यायपूर्ण और पक्षपातपूर्ण वितरणआज़माने पर वह हमेशा अपने परवान है।
22घर का भेदी लंका ढाएघर के भीतर का भेद उजागर करने से बड़ा नुकसानकिसी से अंदर की बात लीक हुई और सबको पता चला।
23अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ताअकेले काम से बड़ा प्रभाव नहीं होताटीमवर्क से ही प्रोजेक्ट सफल हुआ।
24किस्मत का लिखा कोई नहीं मिटा सकताकुछ चीजें भाग्य पर निर्भर होती हैंकठिन हालात में हिम्मत रखने पर भी सफलता नसीब की बात है।
25ऊँट के बल पे खड़े होनाकिसी की कमजोरी पर भरोसा करनाउसके झूठ से भरोसा कमजोर हो गया।
26दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता हैएक बार चोट लगने पर भय बना रहता हैपहले धोखा मिला इसलिए अब बहुत सतर्क रहता हूँ।
27सूरज के सामने सांप फूंक नहीं मारतासाफ-साफ सामने रहते हुए कोई डरने या छिपने की बात नहीं होतीवह सबके सामने अपनी बात रखता है, डरता नहीं।
28जिसकी लathi उसकी भैंसशक्ति वाले का शासनगाँव में जो मजबूत है वही नियम बनाता है।
29ढाई आखर प्यार का, और पढ़े सो पंडितप्यार व भावनाओं को शब्दों में बयां करना आसान नहींउसने सच्चा प्रेम व्यक्त करने की कोशिश में गहरे शब्द बोले।
30ऊँचे-ऊँचे पेड़ों पर पत्ते कमनजो ऊपर होते हैं, उनकी पहचान कम होती हैवह शांति से काम करता है पर नाम कम बनता है।
31काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़तीएक जैसी चीज बार-बार न हो पानावो नौकरी हर बार नहीं मिलती — अवसर पे पकड़ो।
32नैक पकड़े तो नवा निमासही काम करने वालों का सम्मान होता हैउसने ईमानदारी दिखाई तो पदोन्नति मिली।
33नदी में वही आता है जो नदी लाती हैपरिस्थितियों के अनुसार परिणाम आते हैंकिसानी साल के मौसम पर निर्भर करती है।
34दूध-ध्याना दो बातेंदो अलग-अलग बातें एक साथ नहीं हो सकतीएक ही समय में पढ़ाई और पूरा खेल नहीं हो सकता।
35हाथ कंगन को आरसी क्याजिसे सही चीज मिल जाए उसे प्रमाण की ज़रूरत नहींअच्छा रिज़ल्ट आया तो और सबूत की जरूरत नहीं।
36अकल बड़ी या भैस?बेवकूफ कौन, बुद्धि किसके पास?किसी की मूर्खता पर सवाल उठाना।
37कानून के हाथ लंबे हैंकानून अंततः लागू होता हैआप चाहे कुछ भी करें, अन्त में कानून करेगा।
38पानी पानी होनापूरी तरह उजागर होना/बर्बाद होनाउसकी योजनाएँ पक गईं और सब बेकार हो गया।
39सब्र का फल मीठा होता हैधैर्य का अच्छा परिणाम आता हैलंबे समय की मेहनत के बाद सफलता मिली।
40खेद में धोखा नहीं होताईमानदारी से किया गया काम बेकार नहीं जातासच्चाई बताने पर सम्मान मिला।
41आधी छोड़ पूरी को धावे, आधी मिले न पूरी पाएलालच से सब कुछ खो देनाज्यादा दांव लगाने से सब पैसा खो दिया।
42निकलते चलते कुछ लोग पीछे छूट जाते हैंप्रगति में कई लोग पीछे रह जाते हैंजो मेहनती नहीं वे पीछे छूट जाते हैं।
43काम का पक्का, नाम का पताकठिन काम करने से सम्मान मिलता हैउसकी मेहनत से उसे पहचान मिली।
44अक्ल बड़ा तो क्या हुआ, दिल बड़ा होना चाहिएबुद्धि के साथ सहानुभूति भी जरुरीसिर्फ बुद्धिमान होना ही पर्याप्त नहीं, मृदुता भी चाहिए।
45समय बड़ा बलवानसमय में बहुत शक्ति होती हैवक्त के साथ सब बदल जाता है।
46पेड़ वही फल देता है जो उसे रोपा गयाजैसा व्यक्ति बनता है, उसकी शुरुआत पर निर्भर करता हैअच्छी परवरिश से ही अच्छा फल मिलता है।
47हाथ कंगन को आरसी क्या(पुनरावृत्ति) जो साफ दिखे उसे प्रमाण की जरुरत नहींउसकी योग्यता स्पष्ट थी।
48खुदा के घर देर है अंधेर नहींईश्वर के घर देर होती है पर न्याय होता हैअंत में सही का विजय हुआ।
49अंधा क्या चाहता है? एक चश्माहर कोई वस्तु अपनी आवश्यकता के अनुसार चाहता हैजिसे जरूरत हो वही मांगता है।
50जितना रखो उतना दिखता हैयथार्थ परिधानों पर निर्भरताआसान जीवन में ही असली मूल्य नजर आता है।
51चोर की दाढ़ी में तिनकागुनाह करने वाला ही गवाही दे देता हैउसकी हरकतों से शक बढ़ गया।
52अंधे के हाथ बटेर लगनाअन्याय से अप्रत्याशित लाभ मिलनावह भाग्य से जीत गया, जैसे अंधे के हाथ बटेर लगना।
53बूँद-बूँद से घट बनता हैछोटी-छोटी कोशिशें बड़ा परिणाम बनाती हैंनियमित बचत से संपत्ति बनती है।
54घर और गली में क्या कहा जाएपरिवारिक संबंधों में व्यवहार का ध्यान रखेंघर में शांति बनाए रखने के लिए शब्दों का ध्यान रखें।
55सिर मुंडाते ही ओले पड़नाअच्छा करने पर अचानक विपरीत स्थिति आनानयी नौकरी मिलते ही संकट आ गया।
56कठिनाई में ही आदमी की परीक्षा होती हैसंकट में सच की पहचान होती हैमुश्किल समय में उसके साथी कम दिखाई दिए।
57ऊपर से सुनहरा पर अंदर से खोखादिखावे में अच्छा पर अंदर से घटियाउसकी दुकान खूब चमकती पर सामान खराब।
58नाक में दम करनाकिसी को परेशान करनामेहनत करते हुए हर कोई नाखुश रहता था।
59राम का नाम जपे बिना क्या सुख?आत्मिक शांति धर्म-नाम से जुड़ी हैधर्माचरण से मन को शांति मिलती है।
60नौ महीने का साथ और चोरी की रात दोएक छोटा साथ बड़ा प्रभाव छोड़ देता हैलघु सहयोग से बड़ा परिणाम आता है।
61नदी के दोनों किनारे पर घास नहीं उगतीसब जगह अवसर समान नहीं होतेएक ही शहर में सबको समान मौके नहीं मिलते।
62रात के धागे दोबारा नहीं जुड़तेखोई हुई चीज़ें वापस नहीं आतीजो समय निकल गया वो लौट कर नहीं आना।
63सांप भी मर जाए और लाठी भी न टूटे(पुनरावृत्ति) दोनों उद्देश्य पूरा हो जाएरिस्क के बिना फायदेमंद नतीजा मिलने की इच्छा।
64मुँह में राम बगल में छुरीबातों में मीठा पर छुपा हुआ दुर्व्यवहारवह मुस्कुराता पर पीछे से धोखा देता था।
65कब तक राज करेगा, वही राजा नहीं रहनाकोई भी स्थायी नहीं हैकठोर शासक भी समय के साथ गिर गया।
66दरिया का पानी वापस नहीं जाताकिए हुए काम लौट कर नहीं आतेवक्त की क्षति वापस नहीं आती।
67आग पर घी डालनास्थिति और बिगाड़नाविवाद में और तकरार पैदा कर दी।
68उंगलियों पर गिना जा सकता हैबहुत कम संख्या में होनाउसके पास केवल उंगलियों पर गिना जा सके客户।
69बूँदें समन्दर बन जाती हैंछोटी कोशिशें बड़ी बन जाती हैंरोज़ की मेहनत से बड़ा बदलाव आया।
70कम बोलो, अच्छा सुनोकम बोलने से अधिक ज्ञान प्राप्त होता हैवह सुनकर ही निर्णय लेता है, पहले नहीं बोलता।
71हाथ कंगन को आरसी क्या(तीसरी बार) जो स्पष्ट हो उसे प्रमाण की जरुरत नहींउसकी योग्यता पर किसी को शक नहीं था।
72सिर मुंडवाने से स्वर नहीं बदलताबाहरी परिवर्तन से स्वभाव नहीं बदलतासुनहरा पहन के भी उसकी आदत नहीं बदली।
73ऊँचाई से गिरना दर्दनाक होता हैऊँचे पद से गिरना और अधिक कष्टदायकवह पद से हटने पर अधिक शर्मिंदा हुआ।
74छोटी-छोटी बातों में बड़ा फर्क पड़ता हैछोटी चीजों का भी महत्व होता हैआदतों में सुधार से बड़ा बदलाव हुआ।
75खेत की मेँहदी कटे तो गमला खालीअपर्याप्त संसाधन से उत्पादन कम होता हैबिना उचित संसाधन के प्रोजेक्ट फेल हुआ।
76नदियों का पानी एक स्थान पर नहीं ठहरतापरिवर्तन प्रकृति का नियम हैसमय के साथ सब बदल जाता है।
77अधूरा दीपक रोशन न करेअधूरा प्रयास पूरा परिणाम नहीं दे सकताआधा अध्ययन करके बेहतर परिणाम नहीं मिलते।
78मुश्किले आये, पर हिम्मत न छोड़ीकठिनाइयों में भी धैर्य नहीं खोनाउसने सब मुश्किलों के बाद भी मेहनत जारी रखी।
79किसी का दिल जानना जरूरी हैवास्तविक इरादों को समझना जरूरीसिर्फ बाहरी व्यवहार से निर्णय नहीं लेना चाहिए।
80घड़ी की सूई रुकती नहींसमय चलता रहता हैसमय का सदुपयोग करें, क्योंकि वह रुकता नहीं।
81बोलो तो कान लगाकर सुनोध्यान से सुनना चाहिएउसकी बातों से सीखने के लिए ध्यान देकर सुना।
82मुँह की बात दिल में नहीं रखोबोलने से पहले सोचोबिना सोचे बोलने से विवाद बढ़ा।
83लाठियाँ तभी चलती हैं जब कुत्ते भौंकते हैंशोर करने वालों को दबाने की प्रवृत्तिउनके विरोध पर अधिक मजबूत कार्रवाई हुई।
84दूर के रिश्ते में निकटता कम होती हैदूरी से रिश्ता फीका पड़ता हैदूर रहने पर रिश्तों में दूरी आ गई।
85वक्त बड़ा बलवान(पुनरावृत्ति) समय की शक्ति अपरंपारसमय ने सबकुछ बदल दिया।
86दोनों हाथों से ताली बजती हैसहयोग से ही कार्य पूरा होता हैटीमवर्क से ही प्रोजेक्ट सफल हुआ।
87बना-बनाया बिगाड़नाजो पहले से अच्छा है उसे खराब करनाबिना सोच-विचार में बदलाव कर दिया और सब बिगाड़ दिया।
88सिंघासन खाली करना आसान है, लेना मुश्किलशक्ति खोना आसान, हासिल करना कठिनबड़ा पद पाने में कठिनाई आई पर खोना आसान था।
89किसी की चाल समझोव्यक्ति के इरादों का अनुमान लगानाउसकी बातों से चाल समझी और सावधानी बरती।
90रात गई बात गईपुरानी बातें भूल जाओपुरानी झगड़ों को छोड़कर आगे बढ़ो।
91जंगल का राजा शेर ही होता हैप्राकृतिक रूप से श्रेष्ठता किसी में होती हैउसके कौशल से वह क्षेत्र में सबसे आगे है।
92खेत में बैल का काम नहीं हो तो किसान हारामूल संसाधन न हों तो काम नहीं चलेगामशीनें टूटने पर उत्पादन रुक गया।
93बोया पेड़ उगा तो छाँव मिलीकठोर परिश्रम से सुख मिलता हैदरख्त लगाकर आज परिवार को लाभ हो रहा है।
94जिन्हें नहीं चाहिए, वही सस्ते पड़ते हैंआवश्यकता न होने पर चीज़ें बेकार लगती हैंउपहार जिसे पसंद न आया वो छोड़ दिया।
95कहने से पहले सोचनाबिना सोच-बिचार बोलने से बचना चाहिएबिना सोचे टिप्पणी करने पर पछताना पड़ा।
96पानी में रहकर मगरमच्छ से न डरना चाहिएजो माहौल है उसके अनुसार सावधान रहना चाहिएकठोर माहौल में कार्य करते समय सतर्क रहिए।
97सुबह का भूत शाम तक डरता हैजो जल्दी डरता है वह दिन में कष्ट झेलता हैछोटी-छोटी बात पर चिंता करने से दिन खराब हो जाता है।
98सिर पर चढ़कर बात करनादबदबा दिखाकर लोगों को रोकनावह सीनियर हमेशा लोगों पर दवाब बनाता है।
99दूर का सोचो, पास का करोदूर की योजना बनाओ पर तुरंत कार्य अभी करोभविष्य योजना बनाओ पर आज के काम भी न छोड़ो।
100कागज़ पर सब कुछ सुंदर दिखता हैयोजना और व्यवहार में फर्क होता हैपरियोजना का कागजी रूप अच्छा था पर अमल में नहीं चला।
101हाथ रुई जैसा नरम न होकठोर परिश्रम की जरूरतमुलायम स्वभाव से काम नहीं चल पाएगा।
102नमक के दाम पूछनाछोटी बात पूछनाउसने छोटी-छोटी बातों पर प्रश्न उठाए।
103घर की लाज रखनापारिवारिक प्रतिष्ठा का ध्यान रखनाउसने परिवार की इज्जत बचाने के लिए चुप्पी रखी।
104जो गरज़ते हैं वे बरसते नहीं(पुनरावृत्ति) शोर करने वाले कम करते हैंवह बस शोर मचाता रहा पर काम नहीं किया।
105कमान से निकला तीर वापस नहीं आताएक बार किया कार्य वापस नहीं लिया जा सकतागलत शब्द कह दिए तो उन्हें वापस नहीं ले सकते।
106किसी को उपदेश न देना जब तक खुद ठीक न होसबको पहले स्वयं सुधारना चाहिएपहले अपनी आदतें सुधारो फिर दूसरों को सिखाओ।
107जहाँ चाह वहाँ राहइच्छा होने पर मार्ग मिल ही जाता हैउसने ठान ली तो रास्ता निकल आया।
108पानी में उबले अंडे फूटते नहींडरभीतः चीजें बदतर नहीं होतींपहली असफलता के बाद भी प्रयास जारी रखा।
109आम के आम गुठलियों के दामएक साथ दो लाभ उठानाएक निवेश से दो फायदे मिल गए।
110बूँदें बचाकर समुद्र बनता है(पुनरावृत्ति) छोटी बचत से बड़ा धन बनता हैमासिक बचत से संपत्ति बनी।
111दो मुंह की बात नहीं चलतीझूठ बोलकर काम नहीं चलेगावह झूठ बोलकर पकड़ा गया।
112आँख का आँसू पोंछ लेनादुःख मिटानाउसने बच्चे के रोने पर उसे शांत किया।
113जा भिखारी बन जाकिसी से अपेक्षा न रखनाउसने अपना काम खुद संभाल लिया बजाय किसी पर निर्भर रहने के।
114दिन में तारे नजर नहीं आतेजो स्पष्ट है उसे खोलकर देखने की जरुरत नहींउनकी सफलता इतनी स्पष्ट थी कि कोई संदेह नहीं बचा।
115जिसे भगवान देता है वही अच्छा होता हैभाग्य से बेहतर मिले तो उसे स्वीकार करोउसको अनपढ़ी सी नौकरी मिली पर भाग्य अच्छा था।
116मेहनत का फल मिलता हैकड़ी मेहनत का परिणाम मिलता हैलगातार अभ्यास से परीक्षा पास हुई।
117तथास्तु कह कर काम न निकलेगाकेवल अनुमति से काम नहीं चलेगा — कार्य भी चाहिएसिर्फ अनुमति मिलने से प्रोजेक्ट पूरा नहीं हुआ।
118साँप को मारना, मगर उसकी त्वचा बचानादुश्मन को परास्त कर भी उसकी पहचान बचानाप्रतिद्वंद्वी को हरा कर भी उसे अपमानित नहीं किया गया।
119सुई की नोक से पहाड़ नहीं काटा जा सकताअत्यंत छोटी चीज़ से बड़ा काम नहीं होताछोटी तकनीकी से बड़े विनाश नहीं किए जा सकते।
120हाथों की लकीरें बदलती हैंव्यक्ति का भाग्य बदल सकता हैकड़ी मेहनत से उसका भाग्य बदल गया।
121नाक कटनाअपमानित होनाउसकी गलती पर उसे सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया।
122ऊँचे पेड़ की छाया लंबी होती हैमुकाम होने पर प्रभाव भी लंबा होता हैउस कंपनी की लोकप्रियता का दायरा बड़ा है।
123सोने पे सुहागाअच्छे में और बढ़ोत्तरीनयी सफलता पर अतिरिक्त पुरस्कार मिला।
124खेत की मेघा नहीं लातीबिना प्रयास के सफलता नहीं मिलतीसिर्फ उम्मीद पर काम नहीं चलता, मेहनत भी चाहिए।
125अक्ल बड़ी या भैस?(पुनरावृत्ति) बुद्धि और शक्ति तुलनाक्या बुद्धि से काम लेना चाहिए या बल से? निर्णय सोच-विचार से लो।
126नानी याद आती है, दादी याद आती हैबीते अच्छे दिनों की यादपुरानी यादों ने उसे भावुक कर दिया।
127हाथ खाली पर दिल भराभले वस्तु न हो पर भावना समृद्ध होवह तो दे तो नहीं सका पर उसका प्रेम सच्चा था।
128दूसरों के दर्द को समझोसहानुभूति आवश्यकवह हमेशा दूसरों की मदद करने को तैयार रहता है।
129दूध और पानी नहीं मिलतावास्तविकता और दिखावा अलग होते हैंवह बातों में मीठा था पर असल में ठंडा।
130दुनिया गोल हैइंसान के कर्म लौटकर आते हैंजो किया, वापस वही मिला — दुनिया गोल है।
131खेत में कोई चारा नहींस्रोत खत्म होनासंसाधनों की कमी के कारण काम रुका।
132सूर्य के सामने छाया नहींसच को छुपाया नहीं जा सकतासत्य उजागर हो गया और झूठ पकड़ लिया गया।
133ऊँची सोच, गहरी नींवबड़े लक्ष्यों के लिये ठोस आधार ज़रूरीबिना मजबूत विषय के बिजनेस नहीं टिकता।
134खेत पर पानी दो, फल मिलेगापरिश्रम का परिणाम निश्चितनियमित प्रयास से अंततः फायदा हुआ।
135मुँह में राम, बगल में छुरी(पुनरावृत्ति) बातों में मीठा पर इरादे निष्ठुरउसने मुस्कुरा कर धोखा दिया।
136कसता तो पत्थर भी कटेलगन से कठिन काम भी संभव हैंलगन से उसने पढाई में कमाल दिखाया।
137दाल में कुछ काला हैकुछ शकास्पद हैउसकी बातों में असमान्य तथ्य थे, दाल में कुछ काला है।
138सांसों पर खेलनाबहुत जोखिम भरा कामजिंदगी जोखिम पर लगाने जैसा काम था।
139जान से प्यारा कोई नहींजान सबसे मोल वाली चीज़ हैसुरक्षा सबसे पहले रखो क्योंकि जीवन अमूल्य है।
140बड़प्पन बांटना सीखोविनम्रता और उदारता दिखाना चाहिएउसने जीत कर भी हार की विनम्रता दिखाई।
141कहीं की ईंट कहीं का रोड़ाजब चीजें मिलकर असंगत होंमिली-जुली टीम से काम नहीं चला।
142पानी पीकर प्यासा रहनामिलकर भी असंतुष्ट रहनाअनेक सुविधावों के बावजूद वह संतुष्ट नहीं था।
143विचार करो फिर बोलोबिना सोचके बोलना अनुचितउसने बिना सोचे टिप्पणी कर दी और परेशान हो गया।
144तलवार की धार पर पैर रखनाखतरनाक स्थिति में रहनाजो काम खतरनाक है उस पर ध्यान से रहिये।
145भैंस के आँसू से दूध नहीं आतादिखावे से असली लाभ नहीं होतायूपी में दिखावा करके काम नहीं चलेगा।
146ऊँचाई पर चढ़ना मुश्किलउच्च उपलब्धि हासिल करना कठिनबडा लक्ष्य पाने के लिये कठिन मेहनत चाहिए।
147जैसा बोओगे वैसा काटोगे(पुनरावृत्ति) कर्म के अनुसार फलअच्छा व्यवहार करने से अच्छा फल मिला।
148किसी के सर पर सोना नहीं चाहिएकिसी पर निर्भर नहीं रहना चाहिएस्वावलंबी बनो, किसी पर टिका मत रहो।
149घर का काम पहले करोपहले अपनी जिम्मेदारियाँ निभाओदूसरों की मदद से पहले अपने काम पूरे करो।
150रोटी, कपड़ा, मकानजीवन की मूल आवश्यकतासबसे पहले मूल आवश्यकताओं की पूर्ति करो।
151कहीं का राजा, कहीं का सेवकएक साथ विरोधी भूमिका निभानाउसने अलग-अलग जगहों पर अलग भूमिका निभाई।
152खुशियों की गठरी बाँधनासौभाग्य से भरा जीवन पानाउसके जीवन में बहुत खुशियाँ जुड़ीं।
153खेत में सोना नहीं उगतावहां असम्भव चीज़ की उम्मीद न होभूमि पर सोने की उम्मीद रखना मूर्खता है।
154कांच की नदी में पाँव रखनाझूठी चीज़ पर विश्वास करना खतरनाककिसी के वादों पर अंधविश्वास करना नुकसानदेह।
155दोनों तरफा चौकादोनों पक्षों में संतुलनसमझौते से दोनों ही पक्ष खुश हुए।
156हमेशा जीत किसे मिलती है?कठिन परिश्रम से ही जीत संभवनिरन्तर प्रयासों में ही सफलता मिलती है।
157कबूतर को दाना दोछोटी-छोटी चीजों से संतुष्टिछोटी उपलब्धियों का भी महत्व होता है।
158खेत जो बोया वही कटेगा(पुनरावृत्ति) कर्म का फलमेहनत का ही फलों मिलता है।
159रात की रानी सुबह महकेकठिनाइयों के बाद सुख आता हैकठिन समय के बाद सब बेहतर हुआ।
160अक्लमंद की चाल चलोसमझदारी से कदम उठाओयोजना बनाकर काम किया और सफल हुआ।
161कुत्ता भौंके पर बाज चलता रहेआलोचना के बावजूद काम करते रहोआलोचना के बावजूद अपने लक्ष्य पर ध्यान दिया।
162सुई-धागा और दरार-रंगछोटी चीज़ें जोड़कर बड़ा काम बनताछोटी-छोटी बचत से घर बना लिया।
163किसी को नाई न चाहिए पर वस्त्र चाहिएबाहरी दिखावे पर ध्यान देनालोग दिखावे पर ज़्यादा ध्यान देते हैं बजाय गुण के।
164लोहा लोहे को काटता हैमुष्किल परिस्थितियों के बीच प्रदर्शित कड़ा व्यवहारकठोर प्रशिक्षण से दिमाग मजबूत हुआ।
165घोड़े के मुंह में अलंकार नहींजो चीज़ अनुकूल नहीं, उसे दिखावा न दोबावजूद अच्छे कपड़ों के, उसे समझने वाला नहीं मिला।
166बंदर बांट-ढोल नहीं बजाताजो कला न जाने वह उसका प्रदर्शन नहीं करताउसने गंभीर काम का मजाक उड़ाया और परिणामक असफल रहा।
167दिखावे से नहीं, काम से मान मिलता हैकर्म से प्रतिष्ठा मिलती है, दिखावे से नहींवह दिखावा छोड़कर काम में जुट गया और मान मिला।
168नमक का मोलाजोलछोटी चीज़ों का मूल्यांकन करनाछोटे सहयोगों को भी महत्व दो।
169दोस्त वही जो विपत्ति में साथ देसच्चा मित्र संकट में साथ देता हैमर्यादा से crisis में वही साथ निभाया।
170कमाल दिखाकर भी काम पूरा नहीं होतादिखावे से कार्य सिद्ध नहीं होतेप्रस्तुति अच्छी थी पर परिणाम नहीं आया।
171गिरकर ही आदमी संभलता हैगलतियों से सीख मिलती हैफेल होने के बाद उसने रणनीति बदली और सफल हुआ।
172भोजन के बिना दिमाग सुस्तभोजन से ऊर्जा मिलती हैभूखे पढ़ने से ध्यान नहीं रहता।
173सपने देखो पर मेहनत भी करोआकांक्षा के साथ कर्म भी महत्वपूर्णउसने बड़े सपने देखे और रोज मेहनत की।
174समय के साथ सम्हलना चाहिएपरिवर्तन के अनुरूप खुद को ढालोनयी तकनीकें सीखकर उसने खुद को अप-टूडेट रखा।
175बचपन की शिक्षा जीवन भर काम आती हैपहली शिक्षा का प्रभाव जीवन भर रहता हैविद्यालय की सीख आज भी काम आती है।
176हाथ जो दे उसे लेना नहीं चाहिएउपहार को स्वीकार करने में सावधानीउपहार लेने से पहले मंशा देखनी चाहिए।
177अकेले की कोशिश सीमित रहती हैटीमवर्क अधिक प्रभावी हैटीम में मिलकर काम करके लक्ष्य हासिल हुआ।
178काल करे सो आज करजो आज हो सकता है उसे टालना नहीं चाहिएकाम को टालने से संकट बढ़ा, इसलिए आज निपटाया।
179जैसा राजा वैसा प्रजानेतृत्व का प्रभाव जनता परअच्छे नेतृत्व से समाज में सुधार आए।
180बेपानी से काम नहीं चलतेबिना नीति के कार्य सफल नहीं होतेबिना योजना के प्रोजेक्ट रुका रहा।
181सच्ची मित्रता सोने जैसी कीमतीसच्चे दोस्त अनमोल होते हैंउसने कठिन समय में सच्चा मित्र पाया।
182कभी-कभी शांत रहना बुद्धिमानी हैशांति कई बार हितकर होती हैविवाद में चुप्पी ही बेहतर रही।
183जो बीत गई सो बात गईपुरानी बातों को भूलकर आगे बढ़ोपुरानी गलतियों को भुलाकर नई शुरुआत की।
184नाव में छेद हो तो पानी अंदर आता हैछोटी समस्याएं बड़ी बन सकती हैं यदि न रोका जाएछोटी गलतियों पर ध्यान न दिया गया और बड़ी समस्या बन गई।
185सत्य कठोर पर विजयशालीअंतर में सत्य की जीत होती हैसच सामने आया और गलत पकड़े गए।
186घाघरा तैयार करो, पर नाचने की बात मत करोपहले तैयारी करो फिर दिखावापहले अभ्यास कर लो, तभी प्रस्तुतिकरण करो।
187ऊटपटांग बातों से फायदہ नहींबेतुकी बातों से लाभ नहीं होताफालतू बहस से समय व्यर्थ होता है।
188ताकत वही जो मन के अंदरआध्यात्मिक और मानसिक शक्ति महत्वपूर्ण हैमन की शक्ति से उसने कठिनाई पार की।
189जिसका मन मजबूत, उसका भाग्य मजबूतमन की स्थिति भाग्य को प्रभावित करती हैआत्मविश्वास से अवसरों का सामना किया।
190छोटी-छोटी खुशियाँ बड़ी खुशियों का आधारछोटी खुशियाँ जीवन को समृद्ध बनाती हैंछोटी उपलब्धियों का जश्न मनाना चाहिए।
191सुन लो पर अंधविश्वास नहींसुनना अच्छा है पर बिना प्रमाण के न मानोअफवाह पर विश्वास न करके साक्ष्य खोजो।
192काटों से डर कर फूल मत छोड़ा करोकठिनाइयों से डरकर अवसर हाथ से मत जाने दोडर कर अवसर न खोया, साहस दिखाया तो सफलता मिली।
193जहाँ चाह वहाँ राह(पुनरावृत्ति) इच्छा से मार्ग निकलता हैमन किया तो योजना बनाकर राह निकाली।
194बातों से नहीं, काम से आदर मिलता है(पुनरावृत्ति) कर्म से सम्मान मिलता हैकाम करके समाज में प्रतिष्ठा बनाई।
195किसी के बीच में दाल नहीं गलतीबिचौलियों से बात बिगड़ सकती हैमध्यस्थी से विवाद बढ़ा, सीधे बात करो।
196रात-दिन की मेहनत रंग लाती हैलगन से किए गए प्रयास सफल होते हैंउसने मेहनत से अपना लक्ष्य पाया।
197जो बोया वही काटा(पुनरावृत्ति) कर्म का फलउसका गलत काम उसे ही परेशान कर गया।
198चलो तो साथ चलें, नहीं तो रास्ता अलगसमझौता या अलग राह लेनासमझौता न हुआ तो अलग मार्ग अपनाया।
199समय बड़ा अद्भुत शिक्षक(पुनरावृत्ति) समय से सीख मिलती हैसमय के साथ सबक सीखकर सुधर गया।
200अच्छा काम बोलता हैअच्छे कार्य की प्रशंसा स्वयं होती हैउसके ईमानदार कामों की सराहना खुद-ब-खुद हुई।

अभ्यास प्रश्न (20)

  1. “जैसी कर्मनी वैसी भरनी” का अर्थ लिखिए।
  2. किस लोकोक्ति का प्रयोग करेगा: “अगर तुम मेहनत नहीं करोगे तो फल नहीं मिलेगा”?
  3. निम्न लोकोक्ति के प्रयोग के उदाहरण लिखिए: “बूँद-बूँद से घट बनता है”।
  4. “नाच न जाने आँगन टेढ़ा” का हिंदी में सरल अर्थ लिखिए।
  5. लोकोक्ति चुनें जो दिखावे और वास्तविकता के अंतर को दर्शाती हो।
  6. “दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है” का प्रयोग कहां होगा?
  7. “अंधेर नगरी चौपट राजा” का तात्पर्य बताइए।
  8. “आवश्कता आविष्कार की जननी है” का आधुनिक उदाहरण दीजिए।
  9. “किस्मत का लिखा कोई नहीं मिटा सकता” — इस पर आपका विचार लिखिए।
  10. कोई 5 लोकोक्तियाँ लिखिए जो मेहनत का महत्त्व बताती हों।

उत्तरों के लिए आप मुझसे कह सकते हैं।

यह संग्रह प्रतियोगी परीक्षाओं, निबंध लेखन और सामान्य ज्ञान के अभ्यास के लिए बनाया गया है। यदि आप चाहें तो मैं

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