सिंधु घाटी सभ्यता

सिंधु घाटी सभ्यता – विस्तार से पूरा अध्याय

सिंधु घाटी सभ्यता – विस्तार से पूरा अध्याय

लेखक: Monu Sir | विषय: भारतीय इतिहास | प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण नोट्स

परिचय

सिंधु घाटी सभ्यता, जिसे हड़प्पा सभ्यता भी कहा जाता है, विश्व की प्राचीनतम नगरीय सभ्यताओं में से एक है। यह सभ्यता लगभग 3300 ईसा पूर्व से 1300 ईसा पूर्व तक फल-फूल रही थी, और मुख्य रूप से आज के पाकिस्तान तथा भारत के कुछ भागों में विकसित हुई थी। सिंधु और उसकी सहायक नदियों के किनारे यह सभ्यता उभरी। यह अपनी उन्नत नगर योजना, सामाजिक व्यवस्था, और व्यापारिक नेटवर्क के लिए जानी जाती है।

काल निर्धारण

सिंधु घाटी सभ्यता को मुख्यतः तीन कालों में विभाजित किया जाता है:

  • प्रारंभिक हड़प्पा काल (3300 ईसा पूर्व – 2600 ईसा पूर्व): इस काल में पहली बार छोटे बसे हुए गांव और कच्चे घरों की शुरुआत हुई।
  • परिपक्व हड़प्पा काल (2600 ईसा पूर्व – 1900 ईसा पूर्व): इस काल में नगरों का विकास हुआ, जो पक्की ईंटों से बने और व्यवस्थित योजनाबद्ध थे।
  • उत्तर हड़प्पा काल (1900 ईसा पूर्व – 1300 ईसा पूर्व): इस समय सभ्यता का पतन होने लगा और लोग छोटे गांवों में बस गए।

प्रमुख नगर

इस सभ्यता के कई प्रमुख नगरों की खुदाई हुई है, जो इस सभ्यता की उन्नत जीवनशैली के प्रमाण हैं। प्रमुख नगर निम्न हैं:

नगर स्थान विशेषताएँ
हड़प्पा पंजाब, पाकिस्तान व्यवस्थित नगर योजना, अनाज भंडार, शिल्पकला, नाप-तौल प्रणाली
मोहनजोदड़ो सिंध, पाकिस्तान महान स्नानागार, जल निकासी तंत्र, चौड़ी सड़कें, सभ्य आवास
लोथल गुजरात, भारत समुद्री बंदरगाह, गोदी (Dockyard), मनके बनाने का उद्योग
धोलावीरा गुजरात, भारत जल संचयन प्रणाली, चार प्रमुख भागों में बंटा हुआ नगर
कालीबंगा राजस्थान, भारत सिंचाई प्रणाली, किले, जले हुए अनाज के प्रमाण

नगर योजना और वास्तुकला

सिंधु घाटी के नगर अत्यंत सुव्यवस्थित और योजनाबद्ध थे। इनके मुख्य लक्षण थे:

  • ग्रिड पैटर्न: नगरों की सड़कें उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम दिशा में सीधी और चौड़ी थीं।
  • जल निकासी तंत्र: घरों और सड़कों के नीचे मजबूत और व्यवस्थित नालियाँ थीं, जो गंदा पानी शहर के बाहर ले जाती थीं।
  • पक्की ईंटों का प्रयोग: मकानों और दीवारों के लिए समान आकार और गुणवत्ता वाली ईंटों का उपयोग किया गया था।
  • सार्वजनिक भवन: स्नानागार (Great Bath), सभागार और भंडारण गृह थे, जो सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों के केंद्र थे।

अर्थव्यवस्था

सिंधु घाटी सभ्यता की अर्थव्यवस्था कृषि, व्यापार और हस्तशिल्प पर आधारित थी:

  • कृषि: मुख्य फसलें थीं – गेहूं, जौ, चना, तिल, और कपास। सिंचाई की प्रथाएँ भी विकसित थीं।
  • व्यापार: मेसोपोटामिया, ईरान, अफगानिस्तान से व्यापार के प्रमाण मिले हैं। मोहरों और वस्तुओं से पता चलता है कि समुद्री और थल मार्ग दोनों से व्यापार होता था।
  • उद्योग: मनके बनाने, धातु शिल्प, मिट्टी के बर्तन, औजार, और वस्त्र उद्योग विकसित थे।

धर्म और सामाजिक जीवन

सिंधु घाटी सभ्यता के धार्मिक विश्वासों और सामाजिक जीवन के बारे में जानकारियाँ मुहरों, मूर्तियों और अवशेषों से प्राप्त होती हैं:

  • मातृदेवी की पूजा: देवी की मूर्तियाँ और प्रतीक मिलते हैं जो मातृशक्ति की पूजा दर्शाते हैं।
  • पशुपति महादेव: एक प्रसिद्ध मुहर पर बैठे हुए शिव-सदृश देवता की आकृति मिली है, जिसे पशुपति महादेव माना जाता है।
  • अग्नि पूजा और बलि प्रथा: आग के अनुष्ठान और बलिदान के संकेत मुहरों और पुरातात्विक अवशेषों में मिलते हैं।

लिपि और भाषा

सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि को सिंधु लिपि कहा जाता है, जो एक चित्रलिपि थी। इसका अभी तक पूर्णतः अनुवाद नहीं हो पाया है। लिपि दाएँ से बाएँ लिखी जाती थी और लगभग 400 से अधिक प्रतीक ज्ञात हैं। इस लिपि की समझ न हो पाने के कारण इस सभ्यता के कई रहस्य अभी भी अनसुलझे हैं।

कलात्मक एवं तकनीकी उपलब्धियाँ

  • सुथरी काष्ठकला, मिट्टी के बर्तन और शिल्प।
  • धातु के औजार और हथियार, विशेषकर तांबे और कांसे के बने।
  • मनकों का निर्माण और सीपों से बने आभूषण।
  • जटिल जल निकासी प्रणाली और सार्वजनिक स्नानागार।

पतन के कारण

सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के पीछे कई कारण बताए जाते हैं, जिनमें से प्रमुख हैं:

  1. प्राकृतिक आपदाएँ: बाढ़, भूकंप और नदी मार्गों में परिवर्तन ने नगरों को प्रभावित किया।
  2. जलवायु परिवर्तन: सूखे और बार-बार की प्राकृतिक विपत्तियों ने कृषि पर बुरा असर डाला।
  3. आक्रमण: आर्यों के आगमन और अन्य बाहरी हमलों के कारण सामाजिक अस्थिरता बढ़ी।
  4. आंतरिक सामाजिक असंतुलन: सामाजिक और आर्थिक असंतुलन से सभ्यता कमजोर हुई।
सिंधु घाटी सभ्यता MCQ Quiz

सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़े 20 MCQ क्विज़

  • सिंधु घाटी सभ्यता के लोग किस नदी के किनार

    प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न

    1. सिंधु घाटी सभ्यता के मुख्य दो नगर कौन-कौन से थे?
    2. मोहनजोदड़ो का महान स्नानागार किस उद्देश्य से बनाया गया था?
    3. लोथल का समुद्री बंदरगाह किस प्रकार महत्वपूर्ण था?
    4. सिंधु घाटी सभ्यता की लिपि का क्या स्वरूप था और क्या इसकी पूरी समझ हुई है?
    5. सिंधु घाटी सभ्यता के पतन के प्रमुख कारण क्या थे?

    यह विस्तृत नोट्स Monu Sir द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार किए गए हैं। इनसे UPSC, SSC, रेलवे, और राज्य स्तरीय परीक्षाओं की तैयारी में मदद मिलेगी।