पाषाण युग: एक विस्तृत अध्ययन
पाषाण युग (Stone Age) मानव इतिहास का वह काल है जब मनुष्य ने पत्थरों से बने उपकरणों का उपयोग शुरू किया। इस युग को मुख्यतः तीन भागों में विभाजित किया गया है: पुरापाषाण काल (Paleolithic Age), मध्यपाषाण काल (Mesolithic Age), और नवपाषाण काल (Neolithic Age)। यह युग मानव सभ्यता की नींव रखने वाला काल माना जाता है।
पाषाण युग की विशेषताएं:
- औजारों का निर्माण: पत्थरों से बने औजारों का उपयोग शिकार, खाना पकाने और दैनिक गतिविधियों के लिए किया गया।
- शिकार और संग्रहण: प्रारंभिक मनुष्य शिकार और भोजन संग्रहण पर निर्भर था।
- गुफा चित्र: इस काल के लोग अपनी भावनाओं और अनुभवों को गुफाओं की दीवारों पर चित्रित करते थे।
- आग का उपयोग: आग की खोज ने मानव जीवन को सुरक्षित और उन्नत बनाया।
पाषाण युग का विभाजन:
1. पुरापाषाण काल (लगभग 20 लाख वर्ष पूर्व से 12,000 वर्ष पूर्व):
- औजार: ‘हाथ-कुल्हाड़ी’, खुरदुरे और अपरिष्कृत पत्थर के औजार।
- भोजन: शिकार, जड़ें, और फल।
- आवास: गुफाएं और प्राकृतिक आश्रय।
- महत्वपूर्ण स्थान:
- भीमबेटका (मध्य प्रदेश): गुफा चित्रकला के लिए प्रसिद्ध।
- बेलन घाटी (उत्तर प्रदेश): पत्थर के औजार और हड्डियों के अवशेष।
महत्वपूर्ण प्रयोग और खोज:
- आग का उपयोग पहली बार इस काल में हुआ।
- पत्थरों को रगड़कर या प्राकृतिक रूप से आग पैदा की गई।
औजार | उपयोग |
---|---|
हाथ-कुल्हाड़ी | शिकार और खुदाई |
खुरदुरे पत्थर | मांस को काटने और चमड़े को साफ करने |
2. मध्यपाषाण काल (12,000 वर्ष पूर्व से 10,000 वर्ष पूर्व):
मध्यपाषाण काल मानव इतिहास का वह समय था जब तकनीकी, सामाजिक और सांस्कृतिक विकास ने गति पकड़ी। यह काल पुरापाषाण और नवपाषाण काल के बीच का संक्रमण काल है।
औजार और प्रौद्योगिकी:
- इस काल में माइक्रोलिथ (छोटे पत्थर के औजार) का व्यापक रूप से उपयोग हुआ।
- माइक्रोलिथ औजारों को हड्डी, लकड़ी और पत्थरों के साथ जोड़ा जाता था।
- औजार अधिक तेज, हल्के और कुशल बन गए।
औजार | उपयोग |
माइक्रोलिथ | शिकार और फसल काटने |
पत्थर के ब्लेड | चमड़े को काटने और साफ करने |
खुरचनी | मछली पकड़ने और लकड़ी काटने |
भोजन और आजीविका:
- शिकार और भोजन संग्रह के अलावा मछली पकड़ना और छोटे जंगली जानवरों का शिकार इस युग की विशेषताएं थीं।
- फलों, सब्जियों और कंद-मूल का संग्रह जारी रहा।
- कृषि का प्रारंभिक स्वरूप देखा गया, जिसमें मनुष्य ने अनाज उगाने के प्रयास किए।
आवास और जीवन शैली:
- अस्थायी झोपड़ियां और खुले क्षेत्रों में बसेरे बनाए गए।
- नदी और झीलों के पास रहना आम हो गया।
- समूह में शिकार और सामुदायिक जीवन का प्रारंभ हुआ।
सामाजिक और सांस्कृतिक विकास:
- समूह के भीतर सहयोग और सामाजिक संगठन का विकास हुआ।
- भाषा और संकेतों का अधिक परिष्कृत रूप देखा गया।
- कला के रूप में गुफा चित्रकला इस काल में भी प्रमुख रही।
महत्वपूर्ण स्थान:
- लुंगसुनग (ओडिशा): माइक्रोलिथ औजारों के प्रमाण।
- आदमगढ़ (मध्य प्रदेश): पत्थर के औजार और गुफा चित्रकला।
- बागोर (राजस्थान): मछली पकड़ने और पशुपालन के प्रमाण।
- सराय नाहर राय (उत्तर प्रदेश): सामाजिक संरचना और औजार निर्माण के साक्ष्य।
धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियां:
- प्राकृतिक शक्तियों जैसे सूर्य, चंद्रमा और जल की पूजा प्रारंभ हुई।
- शवों को दफनाने की परंपरा का उद्भव हुआ।
- इस काल में कला और शिल्प के प्रारंभिक रूप विकसित हुए।
प्रयोग और आविष्कार:
- आग का उपयोग और नियंत्रण अधिक प्रभावी हुआ।
- पालतू कुत्तों का पालन इस काल की प्रमुख उपलब्धियों में से एक था।
- कृषि उपकरणों और हथियारों को बेहतर बनाया गया।
खोज | महत्व |
आग का बेहतर उपयोग | भोजन पकाने और सुरक्षा |
कुत्तों का पालन | शिकार और सुरक्षा में सहायता |
बीज बोने का आरंभ | कृषि की नींव |
मध्यपाषाण काल मानव इतिहास में प्रौद्योगिकी और सामाजिक संगठन के विकास का महत्वपूर्ण चरण था। यह काल मानव की अनुकूलन क्षमता, रचनात्मकता और सह-अस्तित्व की दिशा में एक बड़ा कदम था।